मन मोरे चंचल ,जियरा उदास ,
किससे कहे हम दिल की बात ,
धड़के जियरा ,लग रही प्यास ,
कैसे करे हम तोसे इज़हार। मन मोरे चंचल ,जियरा उदास।
शाम सुबेरे रही मिलने की आश ,
कहाँ से करू मैं अब शुरुआत ,
देख देख कर जी घबड़ाए ,
नजरे टिकी मोहे सरम न आय। मन मोरे चंचल जियरा उदास।
लोक लाज अब घर पर छोड़े ,
तोहरे संग अब नाता जोड़े ,
जो कछु पाये ले संग भागे ,
तोहरी डगर पर रस्ता मोड़े। मन मोरे चंचल जियरा उदास।
देख दशा तोहरी हम जाने ,
तोहरी रतियाँ ,पर हम जागे ,
काम धाम सब चौपट लागे ,
जो तू कहे ओहि निक लागे। मन मोरे चंचल जियरा उदास।
No comments:
Post a Comment