Wednesday 28 January 2015

dil ki12(jiyara udas)

मन मोरे चंचल ,जियरा उदास ,

किससे कहे हम दिल की बात ,

धड़के जियरा ,लग रही प्यास ,

कैसे करे हम तोसे इज़हार। मन मोरे चंचल ,जियरा उदास। 

शाम सुबेरे रही मिलने की आश ,

कहाँ से करू मैं अब शुरुआत ,

देख देख कर जी घबड़ाए ,

नजरे टिकी मोहे सरम न आय। मन मोरे चंचल जियरा उदास। 

लोक लाज अब घर पर छोड़े ,

तोहरे संग अब नाता जोड़े ,

जो कछु पाये ले संग भागे ,

तोहरी डगर पर रस्ता मोड़े। मन मोरे चंचल जियरा उदास। 

देख दशा तोहरी हम जाने ,

तोहरी रतियाँ ,पर हम जागे ,

काम धाम सब चौपट लागे ,

जो तू कहे ओहि निक लागे। मन मोरे चंचल जियरा उदास। 



 

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