Monday 28 March 2016

Dil ki 38

तेरे प्यार में क्या क्या ना किया ,
दिन में सपने रात को गजलें,
शाम की महफ़िल में तेरे ही चरच्ये ,
सपनों की  इस दुनिया में,
सब लगते थे अपने ।

म से मुहब्बत करते करते ,
मुहब्बत भरी दुनिया लगने लगी ,
लगी चोट दिल पे तो,
मुहब्बत से ऐतबार उठ गया ।

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