Sunday 27 September 2015

Dil ki 28

हमने उन्हें पैगाम भेजा,
खत में  उसने ना , दिल से हा भेजा,
समझू क्या  मै इस जवाब को ,
ख्वाबों  मे तरंगों का उसने जज्बात भेजा ।
जिन्दगी में कितनों को  ऐसे एहसास मिले होगे,
सायद इसी तरह कितने प्यार में  खोये  होगे ,

मेरी वफाओ की कददृ तूमको अभी ना हो,
बाद में तुम अपने ही दिल को समझाओगी,
मिलूंगा वहीं, जहाँ छोड़ के जाओगी,
झूठी तसल्ली, खुद को रिस्तो में बधा पाओगी ।

प्यार करने का दर्द किसको नहीं मिला,
किसी को पहले किसी को बाद में मिला,
पहले वाले पर दुनिया क्यू सवाल करती,
बाद वाले पर क्यूँ नाज करती?









Friday 25 September 2015

Dil ki27

Kahatey hai ki koi kisi pay q aitbar q nahi karta,
us jaalim se pooch jo muskura kar tamasa dekhta hai,
mainey samjhaya bahut apney dil ko,
phir bhi dil ushi par eytbar karta hai.

rooj rooj k  unki adwo ko peeny ki aadat see pad gaee ,
Shukr hai khuda ka ki unki nazar to paadi.