अपनी तन्हाई का आलम इस कदर हो गया
उधर तुम खामोश, इधर हम बदनाम हो गये।
Tuesday 29 March 2016
Monday 28 March 2016
Dil ki 38
तेरे प्यार में क्या क्या ना किया ,
दिन में सपने रात को गजलें,
शाम की महफ़िल में तेरे ही चरच्ये ,
सपनों की इस दुनिया में,
सब लगते थे अपने ।
म से मुहब्बत करते करते ,
मुहब्बत भरी दुनिया लगने लगी ,
लगी चोट दिल पे तो,
मुहब्बत से ऐतबार उठ गया ।
Friday 25 March 2016
Dil ki 37
खामोशियों का इंतजार हर पल,
हर पल तेरा तेरा ही शुरूर,
तूने मुझको भुला दिया ,
मैंने तुमको सितारों की तरह सजा लिया ।
करता रहा इन्तजार,
करता रहूँगा प्यार ,
छायेगी ये जब जब काली घटा,
दिल ये कहेगा तूमको,
बेवफ़ा ।
Dil ki 36
मुहब्बत को नशा ,
नशे को मुहब्बत समझ बैठे,
जाम छुई नहीं आज तक,
हम पानी को ही शराब समझ बैठे ।
ना नशा चढा,
लोग हमें सज्जन समझ बैठे,
उम्र कट रही हैं, और कटती चली जायेगी,
तेरे प्यार का दिवाना,
तेरी नजरो को ही मुहब्बत समझ बैठा ।
Dil ki 35
क्या खूब लिखा है इक शायर ने
तू नहीं तो तेरी याद सही ,
यादों के सहारे हम जी लेगें ,
हम जहर गमों का पी लेगें ।
Dil ki 34
इतनी गुमसुम क्यौं हो गई,
अब मुहब्बत से कतराने लगी,
अलफाज जो सुनने को तरसते थे,
अब खुद से ही जी चुराने लगी ।