dil ki hasaratey tamam hai
मुहब्बत को नशा , नशे को मुहब्बत समझ बैठे, जाम छुई नहीं आज तक, हम पानी को ही शराब समझ बैठे । ना नशा चढा, लोग हमें सज्जन समझ बैठे, उम्र कट रही हैं, और कटती चली जायेगी, तेरे प्यार का दिवाना, तेरी नजरो को ही मुहब्बत समझ बैठा ।
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