Friday 25 March 2016

Dil ki 36

मुहब्बत को नशा ,
नशे को मुहब्बत समझ बैठे,
जाम छुई नहीं आज तक,
हम पानी को ही शराब समझ बैठे ।
ना नशा चढा,
लोग हमें सज्जन समझ बैठे,
उम्र कट रही हैं, और कटती चली जायेगी,
तेरे प्यार का दिवाना,
तेरी नजरो को ही मुहब्बत समझ बैठा ।

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