Wednesday 28 January 2015
Tuesday 27 January 2015
dil ki11(mujhse naata jode liya)
मैने दिल से पुछा की तू चाहता क्या है ,
दिल ने कहा उसका दीदार
मैने धड़कन से पुछा तू करता क्या है
धड़कन ने कहा उसका इन्तजार
सांसो से पुछा तू चलता क्यू है
सांसो ने कहा ,उस तक पहुचने की आस
ओ मिल गयी अचानक से एक दिन
उसने पुछा तू चाहता क्या है ?
सब ने मिल कर पुछा की क्या यही है तेरा प्यार ,
मैं निशब्द हो ,घूरने लगा सबको ,
मैं दिखा तो नहीं सकता,
आवाज़ नहीं लगा सकता ,
चुप भी नहीं रह सकता ,
थाम कर उनके हाथों को ,
नजरों का सहारा लिया।
झूठ बोलेंगी क्या ओ मुझसे ,
जब नज़रो ने उनका ही साथ छोड़ दिया।
गवाह बन दो मोती(आँसुओ ) ने
मुझसे नाता जोड़ लिया।
dil ki10
मुक़क्मल जहाँ के तलाश मे
मन व्चलित हो उठा ,
दिन कटे ,रात कटी
महीनो ,सालों बीत गए
अब कटती नहीं हैं रात औ र दिन
अब तेरा सहारा भी झूठा लगने लगा।
मै तड़फता रहू ,
तुम अपने को कोसती रहो
ए सिलसिला कब तक चलता रहेगा ?
अंत होगा क्या ,
तेरे मेरे जज़बात का
अब नज़रे भी ,
ख्याबो की तरह हो गए
तू क्यू नहीं दुनिआदारी मे रम जाती
छोड़ के ख्याबो को
सब कुछ भूल जाती
मेरा क्या है ,मैं जी लूँगा
तेरे याद मे ए दम छोड़ दूँगा।
मन व्चलित हो उठा ,
दिन कटे ,रात कटी
महीनो ,सालों बीत गए
अब कटती नहीं हैं रात औ र दिन
अब तेरा सहारा भी झूठा लगने लगा।
मै तड़फता रहू ,
तुम अपने को कोसती रहो
ए सिलसिला कब तक चलता रहेगा ?
अंत होगा क्या ,
तेरे मेरे जज़बात का
अब नज़रे भी ,
ख्याबो की तरह हो गए
तू क्यू नहीं दुनिआदारी मे रम जाती
छोड़ के ख्याबो को
सब कुछ भूल जाती
मेरा क्या है ,मैं जी लूँगा
तेरे याद मे ए दम छोड़ दूँगा।
dil ki9
अपने मुहबब्त का अंजाम क्या होगा ?
नफ़रतों के बीच खुला आसमान होगा।
सितारे भी पूछेगे ,
क्या मिला तमसा बनाकर
दिल भी तड़फेगा ,
नाहक़ प्यार किया तुम्हे सताने को।
Monday 26 January 2015
dil ki8@
दिल मे यादो को साजो कर इक बसेरा बना रखा
दुनिया से दूर रहने का इक बहाना बना रखा
दस्तक देता कोई अगर चुपके से उनकी यादें
बदनाम हो ,उनके लिए किनारा बना रखा।
गर भूल कर मज़लिस मे उनकी याद आई ,
अपने लिए इक तमासा बना रखा।
कुछ कहे उनकी यादें
उससे पहले ,
जाम को होटों पर लगा ,
मुस्कुराना सीख़ गया।
dilki7
हर तरफ़ आधी है तूफान है ,
दिलो मई उठता कई मुकाम है
अफसोस, खुशहाली ,गम इसका अंजाम है ,
शायद ,कस्ती को पार लगाने वाला ही प्यार है।
नफरतो ,को छोड़ने को कहती है सारी दुनिया
ना छोड़ने वालो का ही व्यापार है।
मतलबी नहीं बना इंसान दुनिया मे आ करके ,
अस्तित्व की लड़ाई मे ,प्यार से तौबा कर बैठा।
दोहरी जिंदगी जीनी पड़ गई कितनो को ,
चहारदीवारी मे, खुशियो को ,बेग़म बना बैठा।
दिलो मई उठता कई मुकाम है
अफसोस, खुशहाली ,गम इसका अंजाम है ,
शायद ,कस्ती को पार लगाने वाला ही प्यार है।
नफरतो ,को छोड़ने को कहती है सारी दुनिया
ना छोड़ने वालो का ही व्यापार है।
मतलबी नहीं बना इंसान दुनिया मे आ करके ,
अस्तित्व की लड़ाई मे ,प्यार से तौबा कर बैठा।
दोहरी जिंदगी जीनी पड़ गई कितनो को ,
चहारदीवारी मे, खुशियो को ,बेग़म बना बैठा।
dilki6
हर बार एक नई कोशिस करना चाहता हू ,ना जाने असफलता सामने क्यु आ जाती है। रोज हरपल खयाले आती है ,आ कर दरवाजे पर आ कर खड़ी हो जाती है ,क्या किया तूने जिंदगी मे ?सोच के दिल भारी सा हो जाता है। कभी-कभी दिल की तरंगे उफ़ान मारती है ,सोचता हू कुछ कर सकता हू। फिर सोचता हु क्या करू ,जीवन को जंजाल समझु या कर्त्तव्य ,रोज कुछ न कुछ नया होता हैं। मैं उनमे कहाँ जगह बनाऊ ,नौकरी करू या जीवन घर के लिये समर्पित कर दू। क्या मिलेगा जब नाम ही कुछ पीढ़ीओ के बाद घर के ही सदस्य भूल जाते है। जीवन को प्रेम के लिये बना दू तो सायद कुछ सालो तक याद रह सकता हू.
आजकल हर जगह अस्तित्व की लड़ाई चल रही है ,कोई नाम और शोहरत के पीछे लगा है ,कोई अपने जीवन को रोटी की तलाश मे भटक रहा है ,ऒर गर्व से कहता है हम २१ शाताब्दी मे जी रहे है। नई नई क्रांतियाँ हो रही है ए हम सब जानते है ,लेकिन आदमी सेल्फिश होता जा रहा है ,आदमी अकेला पड़ता जा रहा है ,अपने अस्तित्व को तलासने के लिया सोसल नेटवर्किंग साइट पर ध्यान देता जा रहा है ,कही कोई अपना मिल जाये घंटो लगा रह रहा है। दोस किसका है?सायद हम सबका है।
आजकल हर जगह अस्तित्व की लड़ाई चल रही है ,कोई नाम और शोहरत के पीछे लगा है ,कोई अपने जीवन को रोटी की तलाश मे भटक रहा है ,ऒर गर्व से कहता है हम २१ शाताब्दी मे जी रहे है। नई नई क्रांतियाँ हो रही है ए हम सब जानते है ,लेकिन आदमी सेल्फिश होता जा रहा है ,आदमी अकेला पड़ता जा रहा है ,अपने अस्तित्व को तलासने के लिया सोसल नेटवर्किंग साइट पर ध्यान देता जा रहा है ,कही कोई अपना मिल जाये घंटो लगा रह रहा है। दोस किसका है?सायद हम सबका है।
Wednesday 14 January 2015
dil ki5
हर तरफ इक चाँद होगा
हर इक का इक मुकम्म्ल जहाँ होगा
अब सारी रात कोई बदनाम न होगा
तुमसे अछा कोई मेरा यार न होगा
तेरी दुआओ से हर कोई आबाद होगा
इसलिए तेरा मेरा साथ होगा
साथ ना छूटे गा हमारा
जहाँ कोई नाम ना होगा
तेरे संग मेरा नाम न होगा
फिर भी , तेरी यादोँ में ए दिल आबाद होगा।
हर इक का इक मुकम्म्ल जहाँ होगा
अब सारी रात कोई बदनाम न होगा
तुमसे अछा कोई मेरा यार न होगा
तेरी दुआओ से हर कोई आबाद होगा
इसलिए तेरा मेरा साथ होगा
साथ ना छूटे गा हमारा
जहाँ कोई नाम ना होगा
तेरे संग मेरा नाम न होगा
फिर भी , तेरी यादोँ में ए दिल आबाद होगा।
dik ki4
हर कदम चलना चाहा ,हर कदम रुकना चाहा
हर कदम दिल से दिल मिलाना चाहा
आएंगे कितने अवसर ,सोच के कितने बाग़ लगाना चाहा
ए घड़ी चलती रहेगी ,सोचते हुए कदम बढ़ना चाहा
हम अपने सपनो के हक़ीक़त से ,कुछ साझा करना
इसलिय हमेशा एक दोस्त को साथ रखना चाहा
हर कदम दिल से दिल मिलाना चाहा
आएंगे कितने अवसर ,सोच के कितने बाग़ लगाना चाहा
ए घड़ी चलती रहेगी ,सोचते हुए कदम बढ़ना चाहा
हम अपने सपनो के हक़ीक़त से ,कुछ साझा करना
इसलिय हमेशा एक दोस्त को साथ रखना चाहा
dil ki 3
अपने दिल की वथथा सुनावु किसको
जब हमसफ़र ही बदनाम कर दे
हर एक कसिस निकलती रही
जब हालत ही साथ छोड़ दे
नफरतो की आधी हो या दिल की लगी हो
उलझता कोरा दिल है
मजबूरीओ के समन्दर मे ,मचलता मन है
होने लगी दुर्दसा ,तो तड़फता दिल है
ले ले के सिसकियाँ खोजता कोई तन है
जब हमसफ़र ही बदनाम कर दे
हर एक कसिस निकलती रही
जब हालत ही साथ छोड़ दे
नफरतो की आधी हो या दिल की लगी हो
उलझता कोरा दिल है
मजबूरीओ के समन्दर मे ,मचलता मन है
होने लगी दुर्दसा ,तो तड़फता दिल है
ले ले के सिसकियाँ खोजता कोई तन है
Tuesday 6 January 2015
teri kami2
हालात-ऐ -जश्न मे रुस्वाइयां फ़ैलगई
दीदार जिनका करना चाहा,
वो खुद से दूर हो गयी ,
हमीं से है ,गिला भी ,
हमीं से मुहबब्त ,
हम ना कर सके उनकी मयख़ाने मे शिरकत।
दस्तूरे ज़माने के साथ चलते रहेंगे
हम अपनी मुहबब्त के साथ दिल लगाते रहेंगे
अन्जाम क्या होगा मेरी दुनिया का
फ़िक्र ना कर तेरे संग दिल सजाते रहेंगे।
तुम भी इस ज़माने की दस्तूर निभा रही हो
शायद,
इसलिए मेरे संग अपना दिल जला रही हो।
दीदार जिनका करना चाहा,
वो खुद से दूर हो गयी ,
हमीं से है ,गिला भी ,
हमीं से मुहबब्त ,
हम ना कर सके उनकी मयख़ाने मे शिरकत।
दस्तूरे ज़माने के साथ चलते रहेंगे
हम अपनी मुहबब्त के साथ दिल लगाते रहेंगे
अन्जाम क्या होगा मेरी दुनिया का
फ़िक्र ना कर तेरे संग दिल सजाते रहेंगे।
तुम भी इस ज़माने की दस्तूर निभा रही हो
शायद,
इसलिए मेरे संग अपना दिल जला रही हो।
Monday 5 January 2015
dil ki1
mera e blog swatantra vicharo ke prati samarpit hai jo mai na kaha skata hoon o syad ey poora kar de,aap sabhi ka shayoog prasansaneey hai.
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