अपने दिल की वथथा सुनावु किसको
जब हमसफ़र ही बदनाम कर दे
हर एक कसिस निकलती रही
जब हालत ही साथ छोड़ दे
नफरतो की आधी हो या दिल की लगी हो
उलझता कोरा दिल है
मजबूरीओ के समन्दर मे ,मचलता मन है
होने लगी दुर्दसा ,तो तड़फता दिल है
ले ले के सिसकियाँ खोजता कोई तन है
जब हमसफ़र ही बदनाम कर दे
हर एक कसिस निकलती रही
जब हालत ही साथ छोड़ दे
नफरतो की आधी हो या दिल की लगी हो
उलझता कोरा दिल है
मजबूरीओ के समन्दर मे ,मचलता मन है
होने लगी दुर्दसा ,तो तड़फता दिल है
ले ले के सिसकियाँ खोजता कोई तन है
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