जुल्मे सितम् हँसकर बिताएंगे हम
तेरे दिल मे घर बनाएगे हम
जिंदगी का हर लम्हा ना बन सकेगा तो क्या
हम तेरे सपनो का जहाँ बनाएंगे हम
इक अरसा बीत गया ,तुझे देखे हुए
इक सपना भी हुआ अब तुझे खोये हुए
लोग कहते है ,तू अब कमीना बन गया
मैं समझाता हु की मैं तेरे ख्याबो मे हमसफ़र बन गया
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