हर कदम चलना चाहा ,हर कदम रुकना चाहा
हर कदम दिल से दिल मिलाना चाहा
आएंगे कितने अवसर ,सोच के कितने बाग़ लगाना चाहा
ए घड़ी चलती रहेगी ,सोचते हुए कदम बढ़ना चाहा
हम अपने सपनो के हक़ीक़त से ,कुछ साझा करना
इसलिय हमेशा एक दोस्त को साथ रखना चाहा
हर कदम दिल से दिल मिलाना चाहा
आएंगे कितने अवसर ,सोच के कितने बाग़ लगाना चाहा
ए घड़ी चलती रहेगी ,सोचते हुए कदम बढ़ना चाहा
हम अपने सपनो के हक़ीक़त से ,कुछ साझा करना
इसलिय हमेशा एक दोस्त को साथ रखना चाहा
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