Monday 26 January 2015

dilki7

हर तरफ़ आधी है तूफान है ,
दिलो मई उठता कई  मुकाम है
अफसोस, खुशहाली ,गम इसका अंजाम है ,
शायद ,कस्ती को पार लगाने वाला ही प्यार है।

नफरतो ,को छोड़ने को कहती है सारी दुनिया
ना छोड़ने वालो का ही व्यापार है।
मतलबी नहीं बना इंसान दुनिया मे आ करके ,
अस्तित्व की लड़ाई मे ,प्यार से तौबा कर बैठा।

दोहरी जिंदगी जीनी पड़ गई कितनो को ,
चहारदीवारी मे, खुशियो को ,बेग़म बना बैठा।


                                                                          

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